कलाई में धागा बांधना परम्परा के साथ लाभ भी

Author   /  Reporter :     Dashmesh Kaur (Mahi)

कुछ लोगो धार्मिक परम्पराओ और स्वास्थ्य को अलग अलग मानते है जबकि इन दोनों का सम्बन्ध एक साथ जुड़ा हुआ है! हम लोगो घर में या मंदिर में कभी पूजा करते है तो कलाई पर एक धागा (मोली) बांध जाता है! और ये धागा पूजा करते समय बांधने की परम्परा चली आ रही है! लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी की ये धागा केवल एक परम्परा ही नहीं आपके स्वास्थ्य को भी काफी फायदा पहुंचाता है!...

शास्त्र के मुताबित कलाई पर मोली का धागा बांधने की शुरुआत देवी लक्ष्मी और राजा बाली ने की थी! इस धागे को एक रक्षा कवक भी कहा जाता हैं! माना जाता है की इसको बांधने से हर प्रकार की मुसीबतें टल जाती हैं! यहाँ तक की कहा जाता है इस धागे से ब्रह्मा, विष्णु और महेश साथ ही लक्ष्मी, पार्वती, त्रिदेवी सरस्वती की कृपा हमारे पर ऊपर बनी होती हैं! वेदो को मुताबित वृत्रासुर के युद्ध में जाते समय इन्द्राणी ने शची को दाए हाथ में रक्षा सूत्र यानि ऐसा ही एक धागा बंधा था!

इसपर एक धार्मिक मान्यता यह भी की इसमें तीनो देव विराजमान रहते है और इसके द्वारा कलाई में बांधने से काम या बिजनेस में बरकत होती हैं! आप को बता दे कि धार्मिक के अलावा स्वास्थ्य में इसका महत्व है शरीर के मुख्य अंग तक पहुंचने के लिए नस को कलाई से गुजरना पड़ता है! और जब हम कलाई पर धागा बांधते है तो नस की क्रिया नियंत्रित होती है! उनमे ह्रदयरोग, पक्षघात और मधुमेह रोग जैसी कई बीमारियों से हमें छुटकारा मिलता हैं! इसे वैज्ञानिकों ने भी माना है!