जैसा की हम जानते हैं की भारत में संविधान से सर्वोपरि कुछ भी नहीं है ! भारत की आज़ादी के बाद से संविधान को ही अनुसरण किया जाता है। आज़ादी से पहले ब्रिटिश कानून को ही उपयोग में लिया जाता था जो सभी भारतीयों पर लागू था।
भारत के संविधान को बनाने में भारतीय राजनेता और विचारकों का अहम योगदान रहा था जो आज सराहना पूर्ण है। भारत का संविधान 1950 में लागू हो गया था पर इसके बारे में कुछ ऐसे रोचक तथ्य हैं जो शायद आप नहीं जानते होंगे।
- क्या आप जानते हैं भारतीय संविधान पूर्ण रूप से हस्त लिखित है, इसे श्री श्याम बिहारी रायजादा ने लिखा था और इसके हर पन्ने को बहुत खूबसूरती से सजाया गया था। पन्नों की सजावट शांतिनिकेतन के कलाकारों के द्वारा की गयी थी।
- संविधान की मूल प्रति को आज भी हीलियम के अंदर डाल के भारतीय संसद की लाइब्रेरी में रखा गया है।
- संविधान के 25 भाग हैं जिनमे 448 आर्टिकल और 12 अनुभाग हैं। भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है।
- भारतीय संविधान को तैयार करने में 2 साल 11 महीने 18 दिन का वक़्त लगा था।
- संविधान को पारित करने से पहले इसपर चर्चा की गयी थी जिसमे 2000 बदलाव किये गए थे।
- संविधान 26 नवंबर को तैयार कर लिया गया था मगर तत्कालीन सरकार के द्वारा इसी26 जनवरी 1950 को लागू करवाया गया था।
- संविधान पारित होने के बाद सभी 284 संसद सदस्यों से इस पर हस्ताक्षर लिए गए जिनमे 15 महिला सदस्य भी शामिल हैं।
- भारतीय संविधान को कई संविधानों का मिश्रण कहा जाता है क्योँकि इसमें कई संविधानों के द्वारा मदद ली गयी थी।
- पांच वर्षीय योजना को रूस के संविधान से लिया गया था और मौलिक अधिकारों को आयरलैंड के संविधान से लिया गया था।
- समानता , एकाधिकार और कई ऐसे अन्य अधिकार फ्रेंच रेवोलुशन से लिए गए थे। यह सारे अधिकार आज के सन्दर्भ में भी अतिमहत्वपूर्ण हैं।
- संविधान के शुरुआती शब्द अमेरिका के संविधान से प्रेरित हैं जिनका उल्लेख आज भी देखने को मिल जाता है।
- किसी भी नागरिक के मूल भूत अधिकार भी अमेरिकी संविधान से प्रेरित हैं।
- भारतीय संविधान की सार्थकता इस बात से सिद्ध हो जाती है की इसको पिछले 62 सालों से इस्तेमाल किया जा रहा है और अभी तक इसमें मात्र 92 बदलाव किये गए हैं !