तुम्हे याद तो है न या सब कुछ भुला दिया तुमने

Author   /  Reporter :     Dr. Shashank Tiwari

सुनो बहुत कुछ पूछना है मुझे तुमसे,

क्या तुम अब भी उसी तरह हँसती हो जिस तरह मेरे साथ हँसा करती थी, क्या तुम अब भी बेफिक्र रहा करती हो, जैसे मेरे साथ रहा करती थी, क्या तुम्हे मेरी याद नहीं आती एक पल भी, क्या तुम वो दिन भूल गई हो जब मेरा हाथ पकड़ कर सड़के पार किया करती थी, तुम्हे याद तो है न या सब कुछ भुला दिया तुमने

क्या मेरी तरह वो भी तुम्हारे बालों से खेलता है, जैसे मैं खेला करता था, वो तुम्हारा सताना, फिर तुम्हारा मनाना, वो अपनी तस्वीर भेजना, वो  तुमने बताया उसे, की तुम्हे आम बहुत पसंद है, क्या बता दिया तुमने उसे वो अपने बचपन की बातें, वो कहानी वो किस्से जो तुमने रात रात भर मुझे सुनाये थे, वो तुम्हारा नज़रों को मिलाना फिर नज़रों को शर्मा के झुकाना, तुम्हे याद तो है न या सब कुछ भुला दिया तुमने....

वो तुम्हारा भोलापन आज भी है या समझदार हो गई हो उसके साथ रहते रहते, तुम अब भी वही मेरी गौरा हो या बदल चुकी हो, वो तुम्हारी एक तस्वीर बचपन की आज भी मेरे पर्स में है, मेरी तस्वीर तो है ना तुम्हारे पास,वो तुम्हारा चुपके से छत पर मिलनेआना, तुम्हे याद तो है न या सब कुछ भुला दिया तुमने....

मुझे तो अब भी याद है, कैसे तुमने मेरा ख़याल रखा था उन दिनों जब मेरी तबियत कुछ नासाज सी थी, याद है मुझे वो ज्यादा दवा ना खाने की नसीहते, कैसे भूल सकता हूँ मैं उस सफ़र को जब तुमने अपना कम्बल मुझे ओढाया था, उसका स्वाद नहीं भूला हूँ मैं जब तुमने मेरे लिए खीर बनाई थी.....तुम्हे याद तो है न या सब कुछ भुला दिया तुमने.....तुम खुश तो हो ना, बस यही पूछना था और कुछ नहीं

 

मौलिक लेखक- डॉ शशांक तिवारी