आज हम वो दस सवाल ले कर आये है जिनका आप जवाब जानना चाहते है, आज हम साथ है दर्द लिख सको तो कहना (Dard Likh Sako To Kehna) के लेखक के साथ, हाँ सही पहचाना आपने डॉ शशांक तिवारी, तो आइये शुरू करते है वो सारे सवाल
१. क्या ये आपकी पहली किताब है?
उत्तर: अगर शायरी की बात की जाये तो हाँ, वैसे कोर्स की पहले भी आ चुकी है
२. आपको लेखक बनाने का ख्याल कब आया?
उत्तर: मैं अभी खुद को लेखक नहीं समझता, बस ये कुछ अनमोल से दस्तावेज़ हैं जिन्हें आप किताब कह रहीं है
३. ये किताब जैसे की प्रेम के बारे में है , तो आप के अपने क्या विचार है प्रेम के बारे में?
उत्तर: मेरे अपने विचार.....काफी कठिन सवाल है मेरे लिए, मगर मेरे हिसाब से प्रेम बस एक एहसास है, जो किसी की रजामंदी, किसी का होना या किसी को बस हासिल करना नहीं मांगता ये बस होता है फिर वो चाहे महबूब हो, माँ हो या फिर खुदा हो, ये बस एहसास है I जिसका लुत्फ़ सिर्फ आप जानते है और दूसरा कोई नहीं, प्रेम कभी ख़त्म नहीं होता किसी कीमत पर नहीं फिर ये मायने नहीं रखता की सामनेवाला आपके साथ है या नहीं, हाँ थोडा नाराज़गी रहती है शायद ताउम्र, मगर सच्चा प्रेम मरता नहीं कभी वो अमर होता है शाश्वत होता है, यहाँ मैंने निरा प्रेम की बात कही है
४. एक लेखक के रूप में आपको क्या सब से ज्यादा प्रेरित करता है?
उत्तर: एक लेखक के रूप में मुझे सब से ज्यादा प्रेरणा मिलती है पढ़ने से और सुनने से, जी हाँ मेरे ख्याल से अगर आपको लिखना है तो पढ़ना शुरू कर दीजिये, और अपने आसपास हो रही चीज़ों को छोटी छोटी चीज़ों को ध्यान देना भी
५. आप अपनी जॉब के साथ लेखन को कैसे मैनेज करते है?
उत्तर: हाँ ये थोडा मुश्किल है मगर जो चीज़ आप दिल से करना चाहते है तो हो जाती है बस
६. अपनी किताब के बारे में कुछ बातें?
उत्तर: बातें ! अगर बातें करना होता तो लिखता नहीं तो आप बस पढ़े, हाँ मैंने ये किताब फिरदौस के नाम लिखी है बाकि एक बार आप पढ़े जरूर
७. किताब लिखते वक़्त आपको सब से ज्यादा रोचक क्या लगा?
उत्तर: उसकी यादें और बातें, हाँ उसी फिरदौस की
८. आप के अपने पसंदीदा शायर कौन है?
उत्तर: मैं कुछ कुछ जौन सा बनता रहा, बस खुद को तबाह करता रहा, जी हाँ जौन एलिया, अगर आप उन्हें जानती है तो मेरे इन दस्तावेज़ों का आखिरी पन्ना जरूर पढियेगा #confession
९. आपके लिए लिखते समय सब से कठिन दौर क्या था?
उत्तर: बात ये है की जब उसकी यादों में होता हूँ तभी लिख पता हूँ और समय का तो पता ही नहीं चलता तो शायद कठिन कहना उसके साथ ज्यादती होगी
१०. अपने पाठको के लिए कोई सन्देश?
उत्तर: मेरे पाठक नहीं अब मेरे हमराज़, और जैसा की किताब का नाम है दर्द लिख सको तो कहना तो बस इतना ही कहूँगा की दर्द बाटने का शुक्रिया...