आज हम आप को बाबा भोले के नामों की नामावली के साथ उनका अर्थ भी बताने जा रहे है.....
1. शिव – कल्याण स्वरूप
2. महेश्वर – माया के अधीश्वर
3. शम्भू – आनंद स्स्वरूप वाले
4. पिनाकी – पिनाक धनुष धारण करने वाले
5. शशिशेखर – सिर पर चंद्रमा धारण करने वाले
6. वामदेव – अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले
7. विरूपाक्ष – भौंडी आँख वाले
8. कपर्दी – जटाजूट धारण करने वाले
9. नीललोहित – नीले और लाल रंग वाले
10. शंकर – सबका कल्याण करने वाले
11. शूलपाणी – हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले
12. खटवांगी – खटिया का एक पाया रखने वाले
13. विष्णुवल्लभ – भगवान विष्णु के अतिप्रेमी
14. शिपिविष्ट – सितुहा में प्रवेश करने वाले
15. अंबिकानाथ – भगवति के पति
16. श्रीकण्ठ – सुंदर कण्ठ वाले
17. भक्तवत्सल – भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले
18. भव – संसार के रूप में प्रकट होने वाले
19. शर्व – कष्टों को नष्ट करने वाले
20. त्रिलोकेश – तीनों लोकों के स्वामी
21. शितिकण्ठ – सफेद कण्ठ वाले
22. शिवाप्रिय – पार्वती के प्रिय
23. उग्र – अत्यंत उग्र रूप वाले
24. कपाली – कपाल धारण करने वाले
25. कामारी – कामदेव के शत्रु
26. अंधकारसुरसूदन – अंधक दैत्य को मारने वाले
27. गंगाधर – गंगा जी को धारण करने वाले
28. ललाटाक्ष – ललाट में आँख वाले
29. कालकाल – काल के भी काल
30. कृपानिधि – करूणा की खान
31. भीम – भयंकर रूप वाले
32. परशुहस्त – हाथ में फरसा धारण करने वाले
33. मृगपाणी – हाथ में हिरण धारण करने वाले
34. जटाधर – जटा रखने वाले
35. कैलाशवासी – कैलाश के निवासी
36. कवची – कवच धारण करने वाले
37. कठोर – अत्यन्त मजबूत देह वाले
38. त्रिपुरांतक – त्रिपुरासुर को मारने वाले
39. वृषांक – बैल के चिह्न वाली झंडा वाले
40. वृषभारूढ़ – बैल की सवारी वाले
41. भस्मोद्धूलितविग्रह – सारे शरीर में भस्म लगाने वाले
42. सामप्रिय – सामगान से प्रेम करने वाले
43. स्वरमयी – सातों स्वरों में निवास करने वाले
44. त्रयीमूर्ति – वेदरूपी विग्रह करने वाले
45. अनीश्वर – जिसका और कोई मालिक नहीं है
46. सर्वज्ञ – सब कुछ जानने वाले
47. परमात्मा – सबका अपना आपा
48. सोमसूर्याग्निलोचन – चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आँख वाले
49. हवि – आहूति रूपी द्रव्य वाले
50. यज्ञमय – यज्ञस्वरूप वाले
51. सोम – उमा के सहित रूप वाले
52. पंचवक्त्र – पांच मुख वाले
53. सदाशिव – नित्य कल्याण रूप वाले
54. विश्वेश्वर – सारे विश्व के ईश्वर
55. वीरभद्र – बहादुर होते हुए भी शांत रूप वाले
56. गणनाथ – गणों के स्वामी
57. प्रजापति – प्रजाओं का पालन करने वाले
58. हिरण्यरेता – स्वर्ण तेज वाले
59. दुर्धुर्ष – किसी से नहीं दबने वाले
60. गिरीश – पहाड़ों के मालिक
61. गिरिश – कैलाश पर्वत पर सोने वाले
62. अनघ – पापरहित
63. भुजंगभूषण – साँप के आभूषण वाले
64. भर्ग – पापों को भूंज देने वाले
65. गिरिधन्वा – मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले
66. गिरिप्रिय – पर्वत प्रेमी
67. कृत्तिवासा – गजचर्म पहनने वाले
68. पुराराति – पुरों का नाश करने वाले
69. भगवान् – सर्वसमर्थ षड्ऐश्वर्य संपन्न
70. प्रमथाधिप – प्रमथगणों के अधिपति
71. मृत्युंजय – मृत्यु को जीतने वाले
72. सूक्ष्मतनु – सूक्ष्म शरीर वाले
73. जगद्व्यापी – जगत् में व्याप्त होकर रहने वाले
74. जगद्गुरू – जगत् के गुरू
75. व्योमकेश – आकाश रूपी बाल वाले
76. महासेनजनक – कार्तिकेय के पिता
77. चारुविक्रम – सुन्दर पराक्रम वाले
78. रूद्र – भक्तों के दुख देखकर रोने वाले
79. भूतपति – भूतप्रेत या पंचभूतों के स्वामी
80. स्थाणु – स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले
81. अहिर्बुध्न्य – कुण्डलिनी को धारण करने वाले
82. दिगम्बर – नग्न, आकाशरूपी वस्त्र वाले
83. अष्टमूर्ति – आठ रूप वाले
84. अनेकात्मा – अनेक रूप धारण करने वाले
85. सात्त्विक – सत्व गुण वाले
86. शुद्धविग्रह – शुद्धमूर्ति वाले
87. शाश्वत – नित्य रहने वाले
88. खण्डपरशु – टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले
89. अज – जन्म रहित
90. पाशविमोचन – बंधन से छुड़ाने वाले
91. मृड – सुखस्वरूप वाले
92. पशुपति – पशुओं के मालिक
93. देव – स्वयं प्रकाश रूप
94. महादेव – देवों के भी देव
95. अव्यय – खर्च होने पर भी न घटने वाले
96. हरि – विष्णुस्वरूप
97. पूषदन्तभित् – पूषा के दांत उखाड़ने वाले
98. अव्यग्र – कभी भी व्यथित न होने वाले
99. दक्षाध्वरहर – दक्ष के यज्ञ को नष्ट करने वाले
100. हर – पापों व तापों को हरने वाले
101. भगनेत्रभिद् – भग देवता की आंख फोड़ने वाले
102. अव्यक्त – इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले
103. सहस्राक्ष – अनंत आँख वाले
104. सहस्रपाद – अनंत पैर वाले
105. अपवर्गप्रद – कैवल्य मोक्ष देने वाले
106. अनंत – देशकालवस्तुरूपी परिछेद से रहित
107. तारक – सबको तारने वाला
108. परमेश्वर – सबसे परे ईश्वर