इंटरनेट पर लगातार बढ़ रही नि:शुल्क पोर्न सामग्री उपलब्ध कराने वाली वेबसाइटों की संख्या की जहां पुरुषों में स्वीकार्यता बढ़ी है, वहीं महिलाओं में इसे लेकर नाकारात्मक रुख देखा गया.
हाल ही में हुए एक अध्ययन से यह महत्वपूर्ण तथ्य निकलकर सामने आए हैं. मैरीलैंड विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, परिणामस्वरूप समय के साथ पीढ़ियों के बीच पोर्नोग्राफी के प्रति बर्ताव में अंतर बढ़ा है.
शोधछात्रा लूसिया सी. लाइके के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में पाया गया कि पिछले 40 वर्षो में पोर्नोग्राफी को लेकर महिलाओं और पुरुषों दोनों के विरोध में तेजी से गिरावट आई है, जिससे पोर्नोग्राफी के प्रति रुख में सांस्कृतिक अंतर पैदा हुआ है.
विश्वविद्यालय की ओर से जारी एक वक्तव्य में लाइके कहती हैं, “पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं पोर्नोग्राफी के खिलाफ अधिक हैं और पुरुषों में भी इसके विरोध की प्रकृति में तेजी से गिरावट आई है. इसलिए पोर्नोग्राफी के विरोध को लेकर जेंडर गैप जैसी स्थिति बन गई है.”
शोधकर्ताओं ने 1975 से 2012 के बीच पोर्नोग्राफी के विरोध को लेकर पीढ़ियों के बीच मतैक्य का अध्ययन किया. अध्ययन में प्रतिभागियों से पोर्नोग्राफी पर लीगल सेंसरशिप के समर्थन को लेकर राय मांगी गई. उन्होंने ‘जनरल सोशल सर्वे’ के आंकड़ों का अपने विश्लेषण में इस्तेमाल किया.पिछले अध्ययनों में भी सामने आ चुका है कि पोर्नोग्राफी के नकारात्मक प्रभाव को लेकर महिलाएं ज्यादा चिंतातुर रहती हैं.
अध्ययन के सह लेखक समाजशास्त्र के प्राध्यापक फिलिप एन. कोहेन के अनुसार, “इंटरनेट पर पोर्न सामग्री की उपलब्धता जैसे-जैसे सहज होती जा रही है, और जैसे-जैसे उसकी गुणवत्ता में गिरावट और महिलाओं के प्रति ज्यादा क्रूर होता जा रहा है, महिलाओं में इसे लेकर चिंता बढ़ती जा रही है.”
यह अध्ययन शोध पत्रिका ‘सोशल करेंट्स’ के ताजा अंक में प्रकाशित हुई है.