अपनी सोच बड़ी रखो क्योंकि आपकी सोच आपके विचारों को प्रभावित करती है एक सुंदर व्यक्तिव व्यव्हार और विचारों का मालिक बनने के लिए अपनी सोच को कुतुबमीनार जैसी ऊँची , ताजमहल जैसी सुंदर बनाईए इसीलिए आज हम एक ऐसी ही बड़ी सोच को बयान करती एक कहानी लेकर आए हैं उम्मीद है आपको पसंद आएगी
एक बार एक अमीर आदमी अपनी महंगी कार में बैठा था अचानक उसने देखा के एक छोटा सा गरीब सा लड़का बड़ी ही उत्सुकता की नज़र से उसकी महंगी कार को बड़े ही गौर से निहार रहा था । उसने उस बच्चे को अपने पास बुलाया और उससे कहा तुम क्या देख रहे हो ? बच्चे ने कहा “साहिब आपकी कार बहुत ही सुंदर है यह तो बहुत महंगी होगी ना ?
अमीर आदमी ने बड़े ही गर्व से उस बच्चे से कहा “हाँ यह कार तो बहुत महंगी है, लाखों रूपए की है” इसके बाद बच्चे ने कहा यह कार खरीदने के लिए तो आपने बहुत मेहनत की होगी ? उस आमीर आदमी ने मुस्कराते हुए बोला “यह कार तो मुझे मेरे बड़े भाई ने गिफ्ट में दी है”। बच्चे ने कहा “वाह ! साहिब आपके भईया तो बहुत अच्छे हैं जो आपको इतनी महंगी कार दी है।
कुछ देर तक बच्चा चुप रहा वो पहले की तरह ही कार को निहार रहा था। अमीर आदमी ने कहा “मुझे मालूम है तुम्ह क्या सोच रहे हो ? के काश ! तुम्हारा भी कोई ऐसा भाई होता जो इतनी महंगी कार तुम्हे गिफ्ट में देता है न ! उस गरीब बच्चे के मन में एक अनोखी चमक थी उसने बड़े ही स्वाभाविक लहजे से कहा “नहीं साहब मै तो सिर्फ़ आपके भाई की तरह बनना चाहता हूं”
नकारत्मक सोच हमें अंदर से तोड़ देती है सकरात्मक सोच हमें जोड़ती है एक नकरात्मक सोच वाला आदमी गिलास आधा देखता हैं और एक समझदार आदमी इसी गिलास को आधा भरा हुआ देखता हैं और एक सकरात्मक सोच यानि के एक ऊँची सोच रखने वाला आदमी इसी गिलास को पूरा भरा देखता हैं इसीलिए यदि आप जिन्दगी में बदलाव लाना चाहते हैं तो अपने काम को उत्साह से शुरू करें क्योंकि इंसान का मजबूत हौंसला ही कामयाबी की सीढ़ी है …