बिकिनी को बने 70 साल बीत चुके हैं। 5 जुलाई, 1946 को फ्रेंच डिजाइनर लुइस रिएर्ड पहली बार टू-पीस स्विमसूट को दुनिया के सामने लाए थे। पेरिस के पिसिन मोलिटर स्विमिंग पूल में मिशेलिन बर्नार्डिनी नाम की फ्रेंच न्यूड डांसर ने इसके लिए मॉडलिंग की थी। बता दें कि पैसिफिक ओशन के बिकिनी एटॉल रीजन में यूएस के एटॉमिक टेस्ट पर ही इसका नाम 'बिकिनी' रखा गया। हालांकि, विक्टोरियन एरा (1837 से 1901) में भी स्विमसूट पहने जाने लगे थे, लेकिन 1946 में पहली बार टू-पीस स्विमसूट यानी बिकिनी पहनी गई। हर साल 5 जुलाई को नेशनल बिकनी डे मानाया जाता है। जानिए इससे जुड़े अनसुने तथ्य...
- बिकनी शब्द की शुरुआत तब हुई थी जब प्रशांत महासागर के बिकनी एटोल में अमेरिकी परमाणु परीक्षण किया गया था।
- दुनिया की सबसे महंगी बिकनी 30 मिलियन डॉलर (करीब 202 करोड़ रुपए) की है।
- 9 नवंबर 2009 बिकनी के लिए एक एतिहासिक दिन रहा। इस दिन दुनिया की सबसे बड़ी बिकनी परेड आयोजित की गई। साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हुई इस परेड में बिकनी पहने 287 लड़कियों ने हिस्सा लिया था।
- 90 के दशक की शुरुआत में इंटरनेशनल वॉलीबॉल फेडरेशन ने वॉलीबॉल खेलने वाली महिलाओं के लिए बिकनी को अनिवार्य कर दिया।
- भारत की बात करें तो शुरुआत में बॉलीवुड एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर 1967 में आई फिल्म An Evening in Paris में बिकनी पहने नजर आई थीं। इसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था।