इस आम के मौसम में आप को बताते है कुछ बेहतरीन आम की किस्मे और पहचानने के तरीके

Author   /  Reporter :     Team Hindustan

आम के उत्‍पादन के मामले में दुनि‍या में भारत टॉप पर है। दरअसल मोटे तौर पर आम की पैदावार एशि‍या में ही होती है। भारत में आम की 280 से ज्‍यादा कि‍स्‍में पाई जाती हैं। मगर इनमें से पॉपलुर आम की गि‍नती 30 के आसपास ही है। बाजार में आम आने लगा है और बेचने वाले के पास भले ही कोई भी आम हो मगर वो उसे कि‍सी पॉपुलर कि‍स्‍म के नाम पर ही बेचते हैं। यहां हम आपको भारत में पैदा होने वाली आम की 10 बेहतरीन कि‍स्‍मों के बारे में बताएंगे।

 

 

सफेदा: सीजन – अप्रैल- जून

यह आम बाजार में औरों के मुकाबले काफी जल्‍दी आ जाता है। यह मुख्‍यतौर पर आंध्र प्रदेश और उड़ीसा में उगाया जाता है। पूरे देश में यह पॉपलुर है। इसका छि‍लका चमकदार पीला होता है और इसका स्‍वाद हल्‍का खट्टापन लि‍ए होता है। इनमें रेशा भी कम होता है। इसे बैगनपल्ली और बनेशन भी बोला जाता है।

 

पैरी: सीजन: मई- जून

पैरी भी बाजार में औरों के मुकाबले बाजार में जल्दी आ जाता है। इसका छि‍लके में हल्‍का लालपन होता है यही इसकी पहचान है। यह रसीला होता है मगर इसमें खट्टापन भी होता है। गुजरात में जब केसर आम नहीं मि‍लता है तो आमरस बनाने के लि‍ए पैरी का इस्‍तेमाल कि‍या जाता है।

अगर बात सबसे अच्‍छे आम की करें तो पैरी उस लिस्‍ट में सबसे ऊपर आता है। इसका स्‍वाद मीठा, रसीला होने के साथ थोड़ा खट्टा होता है। जो इसे दूसरे आमों से अलग बनाता है। ये बाहर से थोड़ा येल्‍लो और थोड़ा लाल रंग का होता है। खरीदने और खाने के हिसाब से ये सबसे अच्‍छा है।

 

नीलम: सीजन : मई-जून

इस आम की खुशबू बेहतरीन होती है। नीलम वैसे तो पूरे सीजन उपलब्‍ध रहता है मगर इसमें भी जि‍न आम का स्‍वाद सबसे अच्‍छा होता है वो जून में मानसून के आसपास आता है। हैदराबाद में यह आम खासतौर पर पॉपुलर है। यह आम पूरे देश में बोया जाता है। अन्‍य आमों के मुकाबले इनका साइज छोटा होता है और इनकी छि‍लका गुलाबी रंग का होता है। 

 

अल्‍फांसो या हापुस:सीजन : मई-जून 

आजकल इसे आमों का राजा के नाम से बाजार में बेचा जाता है। इस वैराइटी को पुर्तगालि‍यों ने तैयार कि‍या था। यह महाराष्‍ट्र, गुजरात और कर्नाटक व मध्‍यप्रदेश के कुछ हि‍स्‍सों में पैदा होता है। इसे अंग्रेजी में अलफांसो,  मराठी में हापुस, गुजराती में हाफुस और कन्नड़ में आपूस के नाम से जाना जाता है। भारत से बड़ी मात्रा में इस आम का एक्‍सपोर्ट होता है। यह बि‍कता भी महंगा है। इसका स्‍वाद बहुत मीठा मगर हल्‍का सा खट्टापन लि‍ए होता है। इसमें रेशा कम होता है। पकने के बाद इसका छि‍लका गोल्‍डन पीला हो जाता है और फल के ऊपर की ओर हल्‍का लालपन भी होता है। अगर सबसे अच्‍छे हापुस का स्‍वाद चखना चाहते हैं तो कोंकण क्षेत्र के हापुस खरीदें

 

हि‍मसागर:सीजन – मई

इसका सीजन शायद सभी आमों में सबसे छोटा होता है। इनमें फाइबर नहीं होता और मि‍ल्‍क शेक बनाने के लि‍ए यह आम बेस्‍ट होता है। इसका सीजन महज चार सप्‍ताह ही चलता है। इसका छि‍लका हरे रंग होता है मगर भीतर से पका होता है। इसमें से मि‍ठास की खुशबू आती है। इसका नाम हि‍मसागर इसलि‍ए पड़ा है क्‍योंकि‍ इसकी पैदावार पश्‍चि‍म बंगाल में ज्‍यादा होती है। 

 

दशहरी: सीजन : जून-जुलाई

इसे आम को चूस कर खाने वाला आम कहा जाता है। बेहद मीठा और रेशा रहि‍त यह आम उत्‍तर प्रदेश में बहुत पॉपलुर है। बाजार में भी दशहरी खूब बि‍कता है। कहा जाता है कि‍ यह आम की सबसे पुरानी कि‍स्‍मों में से एक है। इस आम को अन्‍य नस्‍लों के साथ क्रॉस करके कई कि‍स्‍में बनाई गई हैं। कहा जाता है कि‍ लखनऊ से करीब 30 कि‍लोमीटर दूर मलि‍हाबाद इलाके में इसकी अच्‍छी पैदावार होती है। 

 

तोतापुरी: सीजन : जून-जुलाई

इस आम को पहचानना बहुत आसान है। इसकी तोते जैसी चोंच होती है। यह आमतौर पर कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमि‍लनाडु में पैदा होता है। इसका छि‍लता गोल्‍डन पीलापन लि‍ए होता है मगर खाने में यह बहुत मीठा नहीं होता। आम से बनने वाले कई प्रोसेस्‍ड फूड में इसका इस्‍तेमाल होता है। इसे सलाद के तौर पर हल्‍के सा नमक और मि‍र्च डालकर खाया जाता है। 

 

केसर: सीजन : जून से जुलाई के दूसरे सप्‍ताह तक

अगर आपके पूरे घर में आम की महक आ रही है तो हो सकता है कि‍ आपके घर में केसर आम आया हो। यह इसकी सबसे बड़ी खासि‍यत है। इसके गूदे का रंग हल्‍का केसरि‍या होता है। इसका छि‍लके में पकने के बाद भी हरापन होता है। यह अहमदाबाद और उसके आसपास के इलाकों में पैदा कि‍या जाता है। गुजरात में आमरस बनाने के लि‍ए इसका खासतौर पर इस्‍तेमाल होता है।

 

चौसा: सीजन – जुलाई से अगस्‍त

जब बाजार से सारे आम खत्‍म हो रहे होते हैं तब चौसा की एंट्री होती है। यह उत्‍तर भारत और बि‍हार में काफी लोकप्रि‍य है। इनका छि‍लका चमकदार पीला होता है। यह बहुत मीठा आम होता है। चौसा की सबसे उम्‍दा कि‍स्‍म पाकि‍स्‍तान से आती है। यूपी के सहारनपुर, अमरोहा के आसपास चौसा आम के बाग हैं। इसका पल्‍प काफी गाढ़ा होता है। इसका आकार अंडाकार होता है। 

 

लंगड़ा: सीजन : मध्‍य जुलाई से अगस्‍त 

अगर एक आम से पेट भरना हो तो लंगड़ा आपके काम आएगा। वजनदार, मीठा मगर रेशेदार आम। इसका छि‍लका पकने के बाद भी हरा रह रह सकता है। इसका नाम लंगड़ा क्‍यूं पड़ा इसकी कहानी भी रोचक है। कहा जाता है कि‍ बनारस में इस आम को पहली बार उगाने वाला शख्‍स लंगड़ा था। वहीं से इसका नाम लंगड़ा पड़ गया। यह आम आमतौर पर उत्‍तर भारत में पैदा होता है।