जब जीवन में जब बढ़ाने लगे निराशा

Author   /  Reporter :     Team Hindustan

वो कौन है, दुनिया में जिसे गम नहीं होता, किस घर में ख़ुशी होती है मातम नहीं होता,
तुम जा के, चमन में गुल-ओ-बुलबुल को तो देखो, क्या लुत्फ़ तह-ए-चादर-ए शबनम नहीं होता,
क्या सुरमा भरी आखों से, आंसू नहीं गिरते, क्या मेहदी लगे हाथों से मातम नहीं होता,
कुछ और ही होती है बिगड़ने की अदाएं, बनने  में सवारने में ये आलम नहीं होता,
मिटते हुए देखी है अजब हुस्न की तस्वीर, अब कोई मरे मुझको गम नहीं होता,
कुछ भी हो रियाज़, आखों में आसू नहीं आते, मुझको तो किसी बात का अब गम नहीं होता
(रियाज़)
 
कभी-कभी कुछ बातें बिगड़ने से निराशा हावी होने लगती है। निराशा से बचने के लिए यहां बताई जा रही बातें ध्यान रखनी चाहिए...
1. जिंदगी आपको वह सारे अनुभव देगी, जो आपकी चेतना के विकास में मददगार होते हैं। इसीलिए विभिन्न प्रकार की घटनाएं होती हैं और अलग-अलग प्रकार के लोग हमारी जिंदगी में आते हैं। ये सब हमें समृद्ध बनाने वाले अनुभव देते हैं। संबंध टूटना कोई गलती नहीं है। इसे समझें।
2. जिंदगी में कुछ भी स्थायी नहीं होता। हर अनुभव और घटना का असर समय के साथ खत्म हो जाता है। कदम आगे बढ़ाएं और फिर दूसरा कदम उसके आगे रखे। जिंदगी ऐसे ही आगे बढ़ती है। स्वीकार करें कि हमारी चेतना की बर्दाश्त करने की क्षमता अद्भुत हैं। यही लचीलापन हमें मानव बनाता है।
3.अपनी खूबियों की सूची बनाएं। खुद को अपनी उपलब्धियों और अपने अच्छे गुणों की याद दिलाएं। अगर लिख सकें तो इन्हें बार-बार याद दिलाया जा सकेगा। जब भी हताशा घेरे, इन्हें पढ़ लें। इससे हमारा आत्मसम्मान लौटता है और हम भविष्य को सकारात्मक दृष्टि से देखने लगते हैं।