भगवान शिव परम कल्याणकारी और जगतगुरु है ,वो जगत में सर्वोपरि और सम्पूर्ण सृष्टि के स्वामी है. भगवान शिव के पुरे भारत में अनेक प्रकार के अद्भुत चमत्कारिक मंदिर है उन्ही में शामिल एक चमत्कारिक मंदिर राजस्थान के धौलपुर गाँव में अचलेश्वर महादेव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. यह इलाका चम्बल के बीहड़ो के लिए प्रसिद्ध है और इन्ही बीहड़ो के अंदर स्थित है भगवान अचलेश्वर(Achaleshwar Mahadev) का मंदिर. यह शिवलिंग और इससे जुड़ा चमत्कार न की सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए बल्कि वैज्ञानिकों के लिए भी जिज्ञासा का केन्द्र बना हुआ है। धौलपुर जिले में राजस्थान और मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थापित अचलेश्वर शिवलिंग अपने आप में बहुत खास है क्योंकि यह शिवलिंग न की सिर्फ दिन में तीन बार रंग बदलता है बल्कि इसका कोई अंत भी नहीं है। कई लोगों ने जमीन के कई कि.मी. नीचे तक खुदाई करके इस शिवलिंग का अंत ढ़ूढ़ने की कोशिश की, लेकिन आज तक कोई सफल नहीं हो पाया।
रंग बदलने का समय- सुबह के समय इसका रंग लाल, दोपहर को केसरिया और रात को काला हो जाता है। इस शिवलिंग के रंग बदलने के पीछे बहुत सारी कथाएं प्रचलित हैं। वैज्ञानिकों ने भी इस शिवलिंग के रंग बदलने के रहस्य का पता लगाने की बहुत कोशिश की लेकिन विज्ञान भी यहां होने वाले चमत्कार के आगे हार गया। रोज दिन में 3 बार होने वाले चमत्कार को देखने के लिए यहां हर समय भक्तों क भीड़ लगी रहती है।
शिवलिंग की गहराई-आज तक इस शिवलिंग अंत कोई नहीं पा सका। बहुत से लोगों ने शिवलिंग के पास खुदाई कर इसके अंत तक पहुंचने का प्रयास किया लेकिन किसी का भी प्रयास सफल नहीं हो पाया। कहते है कि कुछ भक्तों ने एक बार कोशिश की थी शिवलिंग का छोर ढूंढने की लेकिन बहुत खुदाई करने के बाद भी शिवलिंग का छोर नहीं मिला तो उन्होंने हार मान ली.
दर्शन मात्र से शादी की मन्नत होती है पूरी-ऐसा माना जाता है कि जो भी कुंवारा या कुंवारी यहां शादी से पहले मन्नत मांगने आते हैं, उनकी मुराद जरूर पूरी होती है। शिवजी की कृपा से लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है और लड़कों को मनचाही वधु। शिवलिंग की मान्यता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।
शिवलिंग का इतिहास- स्थानीय लोगों के अनुसार, यह चमत्कारिक शिवलिंग लगभग एक हजार साल पुराना है। यह शिवलिंग यहां कैसे आया, इसकी स्थापना के पीछे की कहानी अभी भी रहस्य बनी हुई है। दिन पर दिन लोगों के बीच इस शिवलिंग को लेकर जिज्ञासा और आस्था बढ़ती जा रही है।